क्या कहूँ शब्द ही जैसे ख़त्म हो गये हैं श्वेता आज तुम्हारी पहली पुण्या तिथी है कभी ना सोचा था की ये दिन भी देखने पदेगे
तुम्हारे जाने के बाद बहुत कुछ बदल गया मेरी जिंदगी
मैं और ऐसा बदलाव जो ना चाहते हुए भी मुझे स्वीकार करना पड़ा अगर नही बदला तो वो सदर बाजार की वो शॉप जहाँ हम अक्सर Tomato Soup पिया करते थे, वो फूल वाले की दुकान जिसे तुम मेरा फूल वाला कहा करती थी, वो रास्ता , वो मंदिर, और भी बहुत कुछ......
दिल बहुत ज़ोर ज़ोर से रोना चाहता है पर मैं रो भी नही सकता सबके सामने कभी कभी लगता है भाग जाऊं बहुत दूर जहाँ सिर्फ़ मैं हूँ और तुम्हारी यादें .. I Love You
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