Tuesday, May 29, 2018

नही जाना चाहिए था मुझे छोड़कर यूँ बाबूजी !!

बहुत Strong बनता हूँ , जिंदगी को practical  सोचकर कुछ पल के लिए बन भी जाता हूँ।
काम में व्यस्त रहकर सबकुछ भूल जाता हूँ।

पर अचानक कुछ ऐसा घट जाता है मेरे सामने जिससे वो याद फिर से ताजा एकदम ताजा हो जाती है। बहुत कोशिश करता हूँ जिंदगी को नए सिरे से सोचने की पर जब शाम को घर लौटता हूँ ,
तब तुम्हे ना पाकर, मन भारी हो जाता है।
बिस्तर पर जब जाता हूँ तो पूरे दिन की थकान फिर से अखर जाती है तुम्हें ना पाकर।

नही जाना चाहिए था मुझे छोड़कर यूँ बाबूजी !!