I was wrong when i was say that Your are my "LIFE LINE" because today you are not with me but i am still ALIVE.
Monday, June 20, 2011
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद 27.09.2010, 07:30AM , AGRA
नींद नही आती अब उस रात के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
कुछ यादें कुछ वक़्त उसके साथ रह गया
मिट गयी लकीरे खाली ये हाथ रह गया
कहा नही कुछ उसकी बात के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
ज़िंदगी हर पल एक सज़ा हो गई
यादें उसकी जीने की वजह हो गई
रूठ गया सावन भी उस बरसात के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
तेरी यादों के चिरागो को जलाया हर शाम
तेरी बातो को बैठकर दोहराया हर शाम
दिल से ना थमा किसी का हाथ तेरे हाथ के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
कुछ यादें कुछ वक़्त उसके साथ रह गया
मिट गयी लकीरे खाली ये हाथ रह गया
कहा नही कुछ उसकी बात के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
ज़िंदगी हर पल एक सज़ा हो गई
यादें उसकी जीने की वजह हो गई
रूठ गया सावन भी उस बरसात के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
तेरी यादों के चिरागो को जलाया हर शाम
तेरी बातो को बैठकर दोहराया हर शाम
दिल से ना थमा किसी का हाथ तेरे हाथ के बाद
कुछ ना बचा आख़िरी मुलाकात के बाद
Tuesday, June 14, 2011
Teri Yaadon Ke Bina
Teri Yaadon Ke Bina Koi Lamha Guzaara Nahin
Ik Pal Nahin Jab Tumhe Humne Pukaara Nahin
Meri Naakaamiyon Ka Itna Bhi Gam Na Kijiye
Agar Aap Jeete Hain To Main Haara Nahin
Ye Naqsh-E-Dard Kaise Utar Jaaye Chehre Se
Maine Abhi Aapka Gam Dil Se Utaara Nahin
Tere Bin Youn Kat Rahi Dariya-E-Zindagi Mein
Kashti Bhi Hai Maajhi Bhi Hai,Kinaara Nahin
Kar Rakhaa Hai Jisne Saare Ghar Mein Ujaala
Aansu Hai Mera Ye Koi Toota Hua Taara Nahin
Kisko Gale Lagaa Ke Rooyen Na-Muraad Hum
Is Bhari Duniya Mein Apna Koi Sahaara Nahin
Mareez-E-Ishq Hai Tamannai Khudkushi Ka Ab
Gehre Hain Dil Ke Zakhm,Aur Koi Chaara Nahin
Wo Aa Ke Poonchh Den Aansu Hamari Aankhon Se
Itna Bhi Hamare Haq Mein Naseeb Hamara Nahin
Itna Hai Bad-Naseeb Ae Hal-E-Jaha.N
Loota Hai Zindagi Ne Jise Maut Ne Maara Nahin
Love4u: Chahenga Hum Tuje Marte Dam Tak
Love4u: Chahenga Hum Tuje Marte Dam Tak: "Ek Shayari Ka Khwab Ho Tum, Ek Aashiq Ki Aashiki Ho Tum, Ishq Kiya Hai Karte Rahenge, Jindgi Bhar Ka Gum Hiu Jhelte Rahenge, Tum Na Mili..."
Wednesday, June 8, 2011
तुम हो यहीं महसूस करताहूँ मैं
तुम हो यहीं महसूस करताहूँ मैं, जीना पड़ रहा है तुम्हारे बिन .
शायद इसलिए हर पल किस्तो मे मर रहा हूँ मैं
सबके सामने हंसते हुए थक गया हूँ मैं
शायद इसलिए तन्हा होते ही आँखों मे नमी भर रहा हूँ मैं
काटे नही कटता ये वक़्त तेरे बगैर
शायद इसलिए जाल दोस्ती का अपने इर्द-गिर्द बुन रहा हूँ मैं
वक़्त क्या बदला हालात बदल जाते हैं
जो हैं साथ उनके ख़यालात बदल जाते हैं
झोखा हवा का जब भी छू कर जाता है लगता है की तुम हो
यही सोच कर रोज़ अपने आप को छल रहा हूँ मैं
.
ज़िंदगी ने दिया कभी कुछ भी नही बस ले लिया थोड़ा बहुत जो था
रोज़ बस उन गुलाबो को काँटों मे से चुन रहा हूँ मैं
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