Thursday, August 25, 2011

तुम “ज़िंदगी” हो कोई “ख्वाब” नही.

उस ने कहा!
तुम मे पहले जैसी बात नही
~
मैने कहा!
ज़िंदगी मे तेरा साथ नही
...~
उसने कहा!
क्या अब भी किसी की आँखों मे डूब जाते हो?
~
मैने कहा!
अब किसी आँख मे वो बात नही..
~
उसने कहा!
क्यों इतना टूट कर चाहा था मुझे?
~
मैने कहा!
इंसान हूँ पत्थर ज़ात नही
~
उसने कहा!
क्या मैं बेवफा हों?
~
मैने कहा!
मुझे अब वफ़ा की तलाश नही!
~
उस ने कहा!
भूल जाना मुझको
~
मैने कहा!
तुम “ज़िंदगी” हो कोई “ख्वाब” नही श्वेता

Tuesday, August 16, 2011

प्यारी श्वेता,

तुम्हे तो पता ही है कि पहले मैं रोजाना शिवजी के मंदिर जाया करता था क्योंकि मैं समझता था की वो मेरे साथ कभी कुछ ग़लत नही होने देंगे पर शायद मैं ग़लत था और तुम्हारे जाने के बाद मैने वहाँ जाना छोड़ दिया है
पर कुछ दिन पहले नागपंचमी की सुबह ४ बजे मेरी पीठ पर एक छोटा साँप का बच्चा चिपका हुआ था लेकिन वो बेचारा मर  चुका था
पिछले कुछ दिनो से मुझे कुछ अजीब से सपने आ रहे थे साँप बिच्छू देख रहा हू हालाँकि वो मुझे कुछ नुकसान नही पहुँच रहे हैं  मैं  सपने मैं शिवलिंग देख रहा हूँ, बाबा अमरनाथ जी का शिवलिंग देख रहा हूँ

इसीलिए कल मैं राजेश्वर मंदिर फिर से गया और वही सब पुरानी बातें दुबारा से rewind हो आई जब हम लोग साथ मैं जाते थे पूजा करते थे नन्दीगद के कान मैं मन्नत माँगना साथ साथ आरती करना, जब हमारी शादी हुई थी तब पहले हमने यही आकर जिंदगी भर साथ साथ रहने के प्रार्थना की थी, जब अंश हुआ था तब सबसे पहले यही आकर भगवान को धन्यबाद दिया था  पर वो सब बेकार ही गया क्योंकि तुम्हारे बिन सब खुशी बेकार है, सब पूजा बेकार है कही ना कही इस दिल मैं शिवजी के लिए शिकायत जिंदगी भर रहेगी

Monday, August 8, 2011

क्यों अकेला छोड़ दिया...? ?

क्यों अकेला छोड़  दिया...

क्यों अकेला छोड़ दिया ?? 
क्यों रुलाते हो मुझे ?
क्यों भूल जाते हो मुझे? 
तेरे ही  सहारे तो जी रहे हैं हम..
तो फिर क्यों अकेला छोड़ जाते हो ?

हर बात को छुपाना आता है तुमको, 
रूठों को मनाना आता है मुझे 
रूठे हो तुम ना जाने किस बात पर मुझ से… 
तो फिर वो बात क्यों नही बताते हो तुम मुझे?

जान जाती है मेरी
जब याद आती है तुम्हारी
तुम तो मुझे भुला देते हो
तो फिर क्यों याद आते हो मुझे?

हम जीने के बहाने मरते रहेंगे
प्यार हम तुमसे करते रहेंगे
प्यार तो तुम भी करते हो ना
तो फिर क्यों यू सताते हो मुझे?

या कह दो जहर पीने को
या कहो फिर मुझे जीने को
अगर मेरे साथ मैं नही चलना था तुमको
तो फिर क्यों मुझे रास्ता ज़िंदगी का दिखाया ?

बीच रास्ते मैं क्यू इस तरह अकेला छोड़ दिया?
कहो … कुछ तो कहो
क्यों अकेला छोड़ दिया...? ?