Thursday, November 10, 2011

9th Nov. our 3rd Marriage Anniversary

Wish you Happy Marriage Anniversary sweet heart. 

तुम्हे शुरू से ही surprise देने की आदत है शायद इसीलिए  तुम मेरे सपनो मैं रोज नही आती हो और अचानक आकर मुझे surprise करती हो जैसे कि आज सुबह तुम मेरे सपने मैं आई, तुम बिल्कुल उसी रूप मैं आई जिस रूप मैं तुम  मुझे  छोड़ गयी थी तुम प्रेग्नेंट थी और थोड़ी थकी हुई लग रही थी, हम दोनो ने कुछ देर बात की और तुम मेरी गोद मैं सर रखकर लेट गयी मैं तुम्हारे बालो को सहलाता रहा, तुम सचमुच बहुत प्यारी लग रही थी और फिर मैने तुम्हे चाय बनाने के लिए कहा और अचानक मेरी आँख खुल गयी देखा तो सुबह के ०५:४५ बजे थे , मैं फिर सो गया कि शायद तुम दुबारा आओ पर तुम तो तुम हो :-D

Today i not to go office due to some fever & off course today i miss you very much. पूरा दिन मैं सोता रहा और अपने पुराने दिनो के बारे मैं सोचता रहा, अपने हनीमून के वीडियो क्लिप देखे जिसमे तुम्हारी आवाज़ सुनकर कभी हंसता तो कभी रोता  काश आज तुम होती तो शायद ये जिंदगी इतनी बेरंग ना होती, आज हंसता भी हूँ तो सिर्फ़ गम भुलाने के लिए पर दिल से नही, कभी कभी मैं बहुत निराश हो जाता हूँ  कि  पता नही आगे क्या होगा कैसे होगा ? क्या मैं अंश को एक कामयाब इंसान बना पाऊँगा जबकि मैं खुद इतना hopeless हो चुका हूँ 

U know when i see you first time then i think that "तुम ही वो लड़की हो जिसके साथ मैं जिंदगी भर खुश रहूँगा" तुम्हारी सादगी की पवित्रता मेरे मन में बसे तुम्हारे प्रेम को हर नए दिन बढ़ाती चली जाती है 

Monday, November 7, 2011

अभिनव की शादी 06.11.11

कल ऑफीस के साथी अभिनव की शादी थी, वहाँ पर मैने सब कुछ भूल कर काफ़ी मस्ती की और D.J. पर डांस भी खूब किया, आफ़िस का पूरा स्टाफ था और उस दिन देवठान एकादशी थी, 

इसी दिन अपनी भी शादी हुई थी सो मुझे वो सब अच्छे लम्हे याद आ रहे थे, फिर D.J. पर अभिनव और उसकी वाइफ निशा को लाया गया और थोड़ी बहुत ना नुकर के बाद उन दोनो ने भी डांस किया, मैने अभिनव से वो स्टेप भी करवाया जिसमे अपने घुटनो पर बैठकर मैने तुमसे इज़हार किया था , सच मैं ऐसा लग रहा था की हम दोनो डांस कर रहे हो  बहुत ही रोमॅंटिक पल था वो,  मैने भी लोगो की परवाह ना करते हुए काफ़ी एंजाय किया. पर जब घर आया तो शायद उतना ही उदास भी हुया
सच तुम बहुत याद आती हो मुझे.............

Saturday, November 5, 2011

"मेरे जीवन साथी"

       "मेरे जीवन साथी"




    हों तुम क्या मेरे लिए
कैसे बताऊँ, 
मै तुमसे अब कैसे छुपाऊ
कुछ मैं आधा  अधुरा  हूँ  
कुछ तुम पूरी - पूरी है,
फिर मै कैसे कहू की 
ये तुम हो !
ये मै हूँ !
जब की हम एक है 

गिर रही है बिजली
सागर में दूर कही,
उठ रही है तरंगे
मेरे मन में यहीं कही,
छा रहा है आँखों में नशा
तेरे खुमार का, 
फिर मै  कैसे कह दूँ 
ये तुम हो !
ये मै हूँ !
जब की हम एक है 

तुम बदले तो क्या बदले
पर्वतों  के  भी रंग
बदल गए,
पंछी ठहरे रात को 
और दिन में मचल गए,
फिर मै कैसे कह दूँ  की 
ये तुम हो
ये मै हूँ 
जब की हम एक है 

गंगा -जल  
मैला नहीं है आज भी, 
न जाने कितनो ने,
इसमें डुबकी लगायी
वो तो तारनहार  है,
तारेगी,  
मेरे इस जीवन को ,
तुम तो सदियों से मेरी हों
जन्मो - जन्मो को तारोगी  
फिर मै कैसे कह दूँ 
की ये तुम हो 
यें में हूँ
जब की हम एक है 

"मेरे जीवन साथी"