Monday, September 12, 2011

श्वेता  तुम्हे याद है पिछली बार गणेश बिसर्जन मैं तुमने काफ़ी पूजा अर्चना की थी और अगले ही दिन कनागत (पित्र पक्षा) लग रहे थे, ऐसा ही कुछ आज भी है आज से कनागत (पित्र पक्षा)लग रहे हैं, कल गणेश बिसर्जन हुआ था हालाँकि पिछले बार Dt.23th Sep.थी और आज 12th Sep. है,




मैं आफ़िस जाने के तैयारी कर रहा था की अचानक सुबह ८:१५ पर तुम्हे दर्द हुआ और तभी हम सब लोग तुम्हे हॉस्पीटल ले गये थे और डॉक्टर ने दोपहर ३:०० बजे का टाइम दिया था

तुमने मुझसे कहा कि आज से कनगत लग रहे है देखना तुम्हारे बाबा आएँगे और ऐसा ही हुआ शाम ०४:४० पर हमारा अंश इस दुनिया मैं आया, हम बहुत खुश थे लगा की जैसे सारी मेहनत सफल हुई एक अजीब सी खुशी महसूस कर रहा था, लगा बस life settle ho gayee. तुम्हारी तबीयत थोड़ी खराब हो रही थी ओर तुम्हे बुखार आ गया था पर डॉक्टर बोला कि घबराने की कोई बात नही है

with Mom n Dad

आज हमारा अंश एक साल का हो चुका है श्वेता, सब कहते है मुझसे कि पहला जन्मदिन मनाना है पर पता नही क्यों मैं नही मनाना चाहता, तुम्हारे बिना मुझे हर खुशी अधूरी लग रही है श्वेता, ये आँसू आज भी थमने का नाम नही लेते, खुल कर मैं रो भी नही सकता ये ब्लॉग लिखते समय मेरे हाथ काप रहे है बही मंज़र मेरी आँखों के सामने आ रहा है

मुझे बिश्वास है कि तुम अंश के आस पास ही रहती हो  क्योंकी वो कभी कभी तस्वीर या दीबार को देख कर बहुत हंसता है उसे ढेर सारा  आशीर्वाद देना और उसे अपने जैसा बनाना मेरे जैसा नही क्योंकि  I am failure man.


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