Friday, March 4, 2011

कहती है दुनिया कि भूल जाऊ तुझे

Dear Shweta 
  
कहती है दुनिया  कि  भूल जाऊ तुझे
यादों से भी अपनी मैं मिटाऊ तुझे

दुनिया कैसे नयी फिर मैं बसाऊंगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा

चाहा जो भूलना पल भर भी तुझे
थम गयी यह साँस भूल कर तुझे

दिल से तेरे नक़्श कैसे मिटाऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा

रखा सदा पलकों पे सज़ा के तुझे
दुनिया क हर गम से बचा के तुझे

एहसान अपना ना फिर कभी जताऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा

तुझको ना फिर कभी मे सताऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
 

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