Dear Shweta
कहती है दुनिया कि भूल जाऊ तुझे
यादों से भी अपनी मैं मिटाऊ तुझे
दुनिया कैसे नयी फिर मैं बसाऊंगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
चाहा जो भूलना पल भर भी तुझे
थम गयी यह साँस भूल कर तुझे
दिल से तेरे नक़्श कैसे मिटाऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
रखा सदा पलकों पे सज़ा के तुझे
दुनिया क हर गम से बचा के तुझे
एहसान अपना ना फिर कभी जताऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
तुझको ना फिर कभी मे सताऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
यादों से भी अपनी मैं मिटाऊ तुझे
दुनिया कैसे नयी फिर मैं बसाऊंगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
चाहा जो भूलना पल भर भी तुझे
थम गयी यह साँस भूल कर तुझे
दिल से तेरे नक़्श कैसे मिटाऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
रखा सदा पलकों पे सज़ा के तुझे
दुनिया क हर गम से बचा के तुझे
एहसान अपना ना फिर कभी जताऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
तुझको ना फिर कभी मे सताऊँगा
मुमकिन नहीं यह कि तुझे भूल जाऊँगा
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