Wednesday, December 28, 2011

"सोचते हैं हम भी सीख लें बेरूख़ी करना

"सोचते हैं हम भी सीख लें बेरूख़ी करना
सबको मोहब्बत देते देते हमने अपनी कदर खो दी. है श्वेता 



"तोड़ा तुमने कुछ इस अंदाज़ से तालूक़ ,,,
कि  सारी उमर हम अपना ही क़सूर ढूँडते रहे"





"वक़्त के साथ हर कोई बदल जाता है,
ग़लती उसकी नही जो बदलता है,
ग़लती उसकी है जो पहले जैसा रह जाता है"

और मैं आज भी पहले जैसा ही हूँ श्वेता
कहते हैं ना जो नही बदलते वो दुनिया से फ़ना हो जाते है.....
पर मैं शायद फ़ना भी नही हो सकता

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