Tuesday, July 26, 2011

ज़िंदगी किस तरह बिताओगे,

ज़िंदगी किस तरह बिताओगे, 
पास जब अपने हमें ना पाओगे,
दिन में तनहाईयाँ सताएँगी, 
रात को चौंक कर जब उठ जाओगे,
रात भर नींद क्यूँ नही आती,
तुम यह खुद भी समझ ना पाओगे,
लोग पूछेंगे इस तन्हाई का सबब, क्या छुपाओगे क्या बताओगे 
पलकें हर बार भीग जाएँगी, 
जब कभी खुल के मुस्कराओगे
मेरी यादें बहुत सताएँगी, 
जब भी बारिश में भीग जाओगे,
खुद को तन्हा ना पा सकोगे कभी, हर जगह मेरा अक्स पाओगे
This is true shweta, I love you forever till my last breath


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