Madam Ji
बहुत दिनो बाद तुम मेरे सपने मैं आई, बहुत अच्छा लगा पर जब आँख
खुली तो कही ज़्यादा उदास हुआ अब तो बस तुमसे सपने मैं ही
मुलाकात हो सकती है और वो भी जब तुम चाहो :-)
फिर आया September का महीना खुशी और बहुत सा गम
लेकर, समझ नही आता celebrate करूँ या शोक मनाऊ
कभी-कभी यूँ ही अचानक बैठे-बैठे मन उदास सा हो जाता है, कोई
कारण समझ नहीं आता... आस-पास की भीड़ को देखकर मन उचाट
हो जाता है... किसी से बात करने का दिल नहीं करता... बस सोचता हूँ
काश कोई अपना सा आ जाए जिसकी गोद में सर रखकर सो जाऊं...
ऐसे में अक्सर कानों में इयरफोन लगाकर धीमी आवाज़ में कुछ sad
songs सुनता हूँ... सोने की एक नाकाम सी कोशिश करता हूँ, मोबाईल
में कुछ तस्वीरों को पलटता हूँ... और अनजाने में ही आंसू की कुछ बूँदें
धीमे से आखों की कोर से लुढ़क जाती हैं....
कभी-कभी यूँ ही अचानक बैठे-बैठे मन उदास सा हो जाता है, कोई
ReplyDeleteकारण समझ नहीं आता... आस-पास की भीड़ को देखकर मन उचाट
हो जाता है... किसी से बात करने का दिल नहीं करता... बस सोचता हूँ
काश कोई अपना सा आ जाए जिसकी गोद में सर रखकर सो जाऊं...
ऐसे में अक्सर कानों में इयरफोन लगाकर धीमी आवाज़ में कुछ sad
songs सुनता हूँ... सोने की एक नाकाम सी कोशिश करता हूँ, मोबाईल
में कुछ तस्वीरों को पलटता हूँ... और अनजाने में ही आंसू की कुछ बूँदें
धीमे से आखों की कोर से लुढ़क जाती हैं....